
कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा यह काम लिरिक्स
कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा यह काम,मेरी राम जी से कह देना जय सियाराम,मैं राम संग जपता तुम्हारा सदा नाम,अपने राम जी से

गुरुदेव मेरी नैया उस पार लगा देना लिरिक्स
गुरुदेव मेरी नैया,उस पार लगा देना,अब तक तो निभाया है,आगे भी निभा लेना,गुरुदेव मेरी नईया,उस पार लगा देना ॥ (तर्ज – होठों से छु लो

श्याम तुमसे आज कुछ कहना है लिरिक्स
श्याम तुमसे, आज कुछ कहना है,हमें ज्यादा, हमें ज्यादा नहीं समझना है।। अच्छी बातों को, सिखना चाहा-२पर ना कोई, गुरु मिला हमकोसोचता हूँ, खता रही

तेरा दर तो हकीकत में दुखियों का सहारा है लिरिक्स
तेरा दर तो हकीकत में,दुखियों का सहारा है,दरबार तेरा बाबा,जन्नत का नजारा है…. बिगड़ी हुई तकदीरें,पल भर में बनाते हो,अब लाज रखो बाबा,हमें तेरा सहारा

तेरे हाथों की कठपुतली हूँ तेरे हाथों का मैं झुनझुना लिरिक्स
तेरे हाथों की कठपुतली हूँ,तेरे हाथों का मैं झुनझुना,मेरी किस्मत है सबसे बड़ी,तूने सेवा में अपनी चुना,तेरे हाथो की कठपुतली हूँ,तेरे हाथों का मैं झुनझुना।।

मेरे बन जाएं बिगड़े काम गजानन तेरे आने से लिरिक्स
मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से,आने से तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥ मेरी गलियां देवा सूनी पड़ी

ऐ भक्तों फूल बरसाओ, मेरे बाबा श्याम आये हैं लिरिक्स
ऐ भक्तों फूल बरसाओ, मेरे बाबा श्याम आये हैं,मग्न होकर सभी गाओ, मेरे बाबा श्याम आये हैं…. (तर्ज : बहारों फूल बरसाओ… ) बड़े दानी

श्याम का नाम मुझे मस्त बना देता है लिरिक्स
श्याम का नाम मुझे मस्त बना देता है,श्याम सागर में डूब जाता हूँ मैं,दर्दो गम दिल के भूल जाता हूँ मैं,श्याम का नाम…… (तर्ज़ :-जाने

आया शरण ठोकरें जग की खाके लिरिक्स
आया शरण ठोकरें जग की खाके,हटुगा तभी तेरी दया द्रष्टी पाके… (तर्ज – नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी) तुने बुलाया तो मैं नहीं आया,मेरे मन

मैं सेवक तेरी चौखट का भजन लिरिक्स
मैं सेवक तेरी चौखट का,काम ये मेरा, क्यूँ अटका ॥ (तर्ज : मैं तुलसी तेरे आँगन की ) आश तेरी विश्वास है तेरा,तेरे ही भरोसे

खाटू में जो भी आया फस्ता ही जा रहा है लिरिक्स
खाटू में जो भी आया, फस्ता ही जा रहा है,उन्हें देख देख बाबा, हस्ता ही जा रहा है…. (तर्ज – मौसम है आशिकाना) बन करके

पूर्णब्रह्म स्तोत्रम् (Purnabramha Stotram) – श्री कृष्णदास जी
पूर्णचन्द्रमुखं निलेन्दु रूपम् उद्भाषितं देवं दिव्यं स्वरूपम् पूर्णं त्वं स्वर्णं त्वं वर्णं त्वं देवम् पिता माता बंधु त्वमेव सर्वम् जगन्नाथ स्वामी भक्तभावप्रेमी नमाम्यहम्जगन्नाथ स्वामी भक्तभावप्रेमी

मोक्ष स्तोत्र (Moksha Stotram) – श्री कृष्णदास जी
त्वं माता पिता त्वं त्वं बंधुसखाचत्वं भ्राता त्वं भग्नी त्वं जायाच पुत्रीत्वं पुत्रः त्वं शत्रु पतिप्रेमिकस्त्वंचिदानंदशुद्धपुरुषः दिब्योत्वम् || त्वं अधः त्वं उर्ध्वः पूर्व पश्चिमौचत्वं बामदक्षीणो

भूतनाथ अष्टकम् (Bhootnath Ashtakam) – श्री कृष्णदास जी
शिव शिव शक्तिनाथं संहारं शं स्वरूपम्नव नव नित्यनृत्यं ताण्डवं तं तन्नादम्घन घन घूर्णिमेघं घंघोरं घं न्निनादम्भज भज भस्मलेपं भजामि भूतनाथम् || १ || कळ कळ

श्री हनुमान हृदय मालिका लिरिक्स (Hanuman Hridaya Malika)
प्रेमभक्तिं मुक्तिं शक्तिं सर्वसिद्धिं प्रदायकम् |शिवरूपं परमशिवं सर्वशिवं जयो जयः || पवन पुत्र हनुमान विचित्र | कृपा कटाक्ष अत्र तत्र सर्वत्र ||१||परम वैष्णव राम शुद्ध

म्हारो श्याम बसे खाटु माहि, सालासर में बजरंगी लिरिक्स
( रंग रंगीले राजस्थान में,देखे अजब नज़ारे,कण कण में यहाँ आन बसे है,इस धरती पर देव हमारे,अपनी अपनी शोभा सबकी,अपनी अपनी महिमा है,कुदरत ने कर

प्रभु का है जिसने भरोसा किया लिरिक्स
प्रभु का है जिसने भरोसा किया, तूफानों में जलता है उसका दिया,दर दर क्यों भटके अरे बावरे,आजा शरण में सहारा मिलेगा तुझे श्याम से…. (तज

जय जय पितरजी महाराज थारी बोलां जय जयकार लिरिक्स
जय जय पितरजी महाराज, थारी बोलां जय जयकार,मन से ध्यावां मनावां, म्हारो करदो बेड़ा पार ।। (तर्ज : लेके पहला पहला प्यार) नित उठ थारो

पितरां न जो ध्याव बां की ज्योत जगाव लिरिक्स
पितरां न जो ध्याव, बां की ज्योत जगाव,बीं घर को के कहणो, बै तो मौज उड़ाव…. (तर्ज : आयो फागण मेलो) थारै घर का मालिक

क्यूँ भूल गये श्यामा मुझे पागल समझ कर भूल गये लिरिक्स
क्यूँ भूल गये श्यामा,मुझे पागल समझ कर भूल गये ॥ (तर्ज : छोड़ गए बालम””) मेरे मन में उठी उमंगें, जपलूँ नाम तुम्हारा ।तुम श्यामा