मैं हारा हूँ, मैं हारा, मुझे दे दे नाथ सहारा भजन लिरिक्स

Mujhe De De Nath Sahara Lyrics

मैं हारा हूँ, मैं हारा, मुझे दे दे नाथ सहारा,
हार गया हूँ भटक-भटक कर, कोई नहीं हमारा ।। टेर ।।

तर्ज – मैं दुखिया नीर बहाता, तूं बैठा मौज उड़ाता ।

माँग नहीं है तुमसे कुछ भी, बस चरणों में बिठालो,
रोते-रोते आया हूँ दर पे, मुझको जरा हँसादो,
अगर पोंछ दोगे मेरे आँसू, कुछ ना घटेगा तुम्हारा, तुम्हारा … ।। मैं ।।

माना मैं हूँ पतित अधर्मी, लाखों पाप किये हैं,
लेकिन तूंने जाने कितने, पापी माफ किये हैं,
फिर क्यों मेरी बारी आता, तूंने पल्ला झाड़ा, ओ झाड़ा … ।। मैं ।।

अब तो मेरा हाथ पकड़लो, बात मेरी मत टालो,
हाथ से बात निकल ना जाए, जल्दी नाथ सम्भालो,
बाद में मुझको दोष ना देना, हँसेगा जब जग सारा, ओ सारा … ।। मैं ।।

दीन-हीन के हाल पे ‘माधव’, गर तूं मौन रहेगा,
सोच जरा हारे का सहारा, तुझको कौन कहेगा?
कौन लगाएगा वरना इस, नाम से फिर जयकारा, जयकारा … ।। मैं ।।

लिरिक्स – अभिषेक शर्मा (माधव) जी