डम डम डम डम डमरू बजे,
कैलाश पर मेरा भोला सजे,
भोला सजे मेरा शंकर सजे,
गौरा मां को बिहाने चले ।।
जटा में गंगा माथे पे चंदा,
भूत प्रेत भी है इनके संगा,
बजे मृदंग ढोल बाजे,
गौरा मां को बिहाने चले-२,
डम डम डम डम डमरू बजे ।।
गले में जिनके सांपों की माला,
कहते हैं इन्हें डमरू वाला,
लेकर हाथ त्रिशूल चले,
गौरा मां को बिहाने चले-२,
डम डम डम डम डमरू बजे ।।
करते हैं नंदी की सवारी,
कहते हैं इन्हें त्रिनेत्र धारी,
तन पे भस्म रमा के चलें,
गौरा मां को बिहाने चले-२,
डम डम डम डम डमरू बजे ।।
आक धतूरा इनको भाये,
भांग का यह तो भोग लगाएं,
देवों में देव महादेव कहे,
गौरा मां को बिहाने चले-२,
डम डम डम डम डमरू बजे
विष का प्याला भी पी डाला,
तीनों लोकों का रखवाला,
शिव को आदि अनंत कहें,
गौरा मां को बिहाने चले-२,
डम डम डम डम डमरू बजे ।।
गंगाजल बेलपत्र चढ़ायें,
फिर भी इनको बहुत ही भाये,
‘इंदु’ इनकी महिमां कहे,
गौरा मां को बिहाने चले-२,
डम डम डम डम डमरू बजे ।।
लिरिक्स – इंदु समाना जी