भावों को सुनता है, कुछ ना कहता है,
सच्चे प्रेमी से ही सेवा लेता है, दिखता नहीं पर संग रहता है ।। टेर ।।
तर्ज – फूलों का तारों का ।
दुःख से हारा प्रेमी जब हो जाता है उदास,
ना जाने क्यूँ दिल से तब आती ये आवाज,
इनकी शरण में है फिर क्यूं डरता है ।। १ ।।
वो नसीबों वाला जिसको श्याम है मिला,
वो घर भाग्यशाली जिसे उसका ध्यान मिला,
सुख-दुःख का पहिया सदा चलता रहता है ।। २ ।।
हिम्मत बढ़ जाती है जब श्याम गाऊं मैं,
हर मुश्किल को आसान होता पाँवू मैं,
पग-पग पे प्रेमी की रक्षा करता है ।। ३ ।।
सच्चे भावों का भूखा इसे भजन सुनाये जा,
ये सारे जग का मालिक इसे मीत बनाये जा,
धीम-धीमे से ये प्रेम पनपता है ।। ४ ।।