भावों को सुनता है, कुछ ना कहता है लिरिक्स

Bhavo Ko Sunta Hai Kuch Na Kehta Hai Lyrics

भावों को सुनता है, कुछ ना कहता है,
सच्चे प्रेमी से ही सेवा लेता है, दिखता नहीं पर संग रहता है ।। टेर ।।

तर्ज – फूलों का तारों का ।

दुःख से हारा प्रेमी जब हो जाता है उदास,
ना जाने क्यूँ दिल से तब आती ये आवाज,
इनकी शरण में है फिर क्यूं डरता है ।। १ ।।

वो नसीबों वाला जिसको श्याम है मिला,
वो घर भाग्यशाली जिसे उसका ध्यान मिला,
सुख-दुःख का पहिया सदा चलता रहता है ।। २ ।।

हिम्मत बढ़ जाती है जब श्याम गाऊं मैं,
हर मुश्किल को आसान होता पाँवू मैं,
पग-पग पे प्रेमी की रक्षा करता है ।। ३ ।।

सच्चे भावों का भूखा इसे भजन सुनाये जा,
ये सारे जग का मालिक इसे मीत बनाये जा,
धीम-धीमे से ये प्रेम पनपता है ।। ४ ।।