धन्य हमारे गुरुवर, जो श्याम से हमको मिला गये,
भगती की राहों पर, हमें भाव से चलना सिखा गये ।। टेर ।।
तर्ज – छोड़ गये बालम, मुझे हाय अकेला छोड़ गये ।
श्याम प्रभु से अनजान थे हम, खाटू था अनजाना,
गुरुवर हमको खाटू ले गये, तब हमने पहचाना,
कलयुग के देव महान, ये गुरुवर हमको बता गये।
हमको श्याम शरण में लाकर, जीवन सार्थक कर दिया,
दुःख संकट से दूर हटाकर, खुशियों से है भर दिया,
लख लख आभार उन्हें, जो सच्चा मारग दिखा गये।
धर्म कर्म की राह दिखाकर, हमको जीना सिखाया,
कहे रवि जीवन में भगति, का दीपक उन्हें जलाया,
इस ‘मित्र मण्डल’, को ये श्याम दीवाना बना गये।
धन्य हमारे गुरुवर, जो श्याम से हमको मिला गये,
भगती की राहों पर, हमें भाव से चलना सिखा गये ।।