दोहा : दीन दुःखी इस दास की, लाज आपके हाथ,
कभी ना बिसराना प्रभु, रहना हरदम साथ ।।
गुरुदेव दया अपने, इस दास पे कर देना,
मेरा दामन खुशियों से, हे गुरुवर भर देना ।। टेर ।।
तर्ज – ऐ मेरे दिल ए नादां ।
अज्ञान मेरे दिल में, गुरुदेव भरा भारी,
निज ज्योति जला कर के, मेटो ये मेरी ध्यारी,
उपकार मेरे स्वामी इस दास पे कर देना ।। १ ।।
भर भक्ति भाव उरमें, प्रभु दर्शन करवा दो,
वो ज्ञान जड़ी अपनी, गुरुदेव जरा प्यादो,
हर विकल भाव सारे, मुझे निर्भय कर देना ।। २ ।।
हो ज्ञाननिधी स्वामी, और दया के सागर हो,
दुःखी दीन जनों पे तुम, बेसक करुणा करते हो,
है ‘सांवर’ शरण तेरी, कभी इसको भुलाना ना ।। ३ ।।
गुरुदेव दया अपने, इस दास पे कर देना,
मेरा दामन खुशियों से, हे गुरुवर भर देना ।। टेर ।।
लिरिक्स – सांवर जी