श्याम पे भरोसा तुम्हे, करना होगा,
श्याम की, शरण में ही, रहना होगा,
इस कलयुग में, श्याम डगर पर, चलना होगा ।। श्याम की… ।।
तर्ज – झिलमिल सितारों का आँगन ।
इस कलयुग में हर भगतों का, एक ही ठिकाना है,
वो है खाटू श्याम की चौखट, जानता जमाना है,
उस चौखट पे पाँव, हमें धरना होगा ।। श्याम की… ।।
कृष्ण प्रभु ने चार कलायें, श्याम को दे डाली है,
श्याम तुमको करनी होगी, हारे की रखवाली है,
हारे के सहारे को, सुमरना होगा ।। श्याम की… ।।
‘श्याम बहादुर’ जी ने देखी, श्याम की सकलाई है,
आलू सिंहि जी ने भी प्यारी, महिमा सुणायी है,
कहता ‘रवि’ है इनको, भजना होगा ।। श्याम की… ।।