शिव के दुलारे गिरिजा के लाल,
भोग लगावो हमें कर दो निहाल ।। टेर।।
तर्ज – छोटी-छोटी गईया ।
सवामणी भरे लडुवन थाल,
भेंट धरे तेरे सूण्ड सुण्डाल ।। १ ।।
मूसे चढ़ आवो गणपत लाल,
मान बढ़ावो आके हे रिछपाल ।। २ ।।
घर में पधारो दीन के दयाल,
दीनों का रखलो थोड़ा सा ख्याल ।। ३ ।।
रिद्धि-सिद्धि संग ले आवो शिव लाल,
‘हर्ष’ दयालु आके करदो कमाल ।। ४ ।।
लिरिक्स – विनोद अग्रवाल (हर्ष) जी