गजानन्द को एक स्वर से पुकारो लिरिक्स

Gajanand Ko Ek Swar Se Pukaro Lyrics

गजानन्द को एक स्वर से पुकारो,
करो सिद्ध बेगा सा, कारज हमारो ।। टेर।।

तर्ज – तुम्हीं मेरे मन्दिर तुम्हीं मेरी पूज्यां ।

वो गिरिजा के लाल ही, मंगल करेंगे,
छलाछल वो भण्डार, तेरा भरेंगे,
है साथी तेरो रणथंभौर वारो।
करो सिद्ध बेगा सा, कारज हमारो ।। १ ।।

वो रिद्धि-सिद्धि के दाता, वो कल्याणकारी,
वो मूसे की करता, सदा से सवारी,
तेरो कष्ट मेटैंगो, सारो को सारो।
करो सिद्ध बेगा सा, कारज हमारो ।। २ ।।

प्रथम उसकी पूजा, प्रथम उसका वन्दन,
मलयागिरि उसके, लगाओ जो चन्दन,
तो निश्चय करैगो, वो मंगल तिहारो।
करो सिद्ध बेगा सा, कारज हमारो ।। ३ ।।

वही श्यामबहादुर है, ‘शिव’ के संगाथी,
गजानन्द को मेरी, सुरतां मनाती,
करै याद बैंकी, यो मनड़ो बिचारो।
करो सिद्ध बेगा सा, कारज हमारो ।। ४ ।।

लिरिक्स – शिव चरण जी भीमराजका