मुरली बजाने वाले, गिरिवर उठाने वाले,
मैं दास हूँ तुम्हारा, मैं दास हूँ तुम्हारा ।।
ढूंढ लिया जग सारा मैंने, दर्श ना तेरा पाया,
जब मन को एकाग्र किया तो, तू दिल बीच समाया,
भवपार करने वाले, बांके बिहारी हमारे,
मैं दास हूँ तुम्हारा, मैं दास हूँ तुम्हारा ।।
तेरी माया ने प्रभु मुझको, जग में खूब नचाया,
दीनबंधु भवतारण प्रभु जी, नाम तुम्हारा गाया,
सर्वत्र रहने वाले, श्री राधा रमण हमारे,
मैं दास हूँ तुम्हारा, मैं दास हूँ तुम्हारा ।।
भक्त अजामिल गणिका तारी, मुझको क्यों बिसराया,
‘कृष्णचन्द्र’ सुन विनती हमारी, द्वार तुम्हारे आया,
हृदय में रहने वाले, श्री बांके बिहारी हमारे,
मैं दास हूँ तुम्हारा, मैं दास हूँ तुम्हारा ।।
लिरिक्स – पूज्य कृष्णचन्द्र शास्त्री (ठाकुर जी) महाराज जी (वृन्दावन)