मेरा कोई ना सहारा मेरे बाबा,
ना करनी किसी से कुछ आशा, मेरा तो एक तूं – ३ ।। टेर ।।
तर्ज – दिन सारा गुजारा तेरे अंगना ।
बात है एक छोटी सी बाबा इतना जानले,
तोड़ जगत के बन्धन आया, स्वामी मानले,
आया तेरे द्वार दाता और कहीं ना जाऊँगा,
तुझसा दयालु नाथ और कहीं ना पाऊँगा,
मैं करूँगा तेरा सुमिरण, हाँ सुमिरण ।। मेरा तो ।।
जिसपे नजर महर की बाबा तेरी हो गयी,
उसके जीवन की व्यथा छूमन्तर हो गयी,
मस्ती में रहता वो तेरी लेता श्याम नाम है,
झूठी दुनियादारी से उसको ना कोई काम है,
वो करता रहे सदा चिन्तन, तेरा चिन्तन ।। मेरा तो ।।
पापी मेरे जैसे तूंने लाखों तार दिये,
बाबा तूं भी चाहे आये चेहरे नये नये,
सुन करके दुनिया में चर्चा, तेरे द्वार आता है,
जा करके तो देखे कैसा भाग्य विधाता है,
जयकार लगता खुलके हाँ खुलके ।। मेरा तो ।।