तुम्हें नाथ दीनों को, निभाना पड़ेगा – २,
तभी दीनबन्धु जमाना कहेगा – २ ।। टेर ।।
तर्ज – मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोये
कलियुग प्रबल है बड़ा चमत्कारी,
है स्वारथ की प्रीती, मतलब की यारी,
जो छिटका दिये तो ये जग क्या कहेगा…कहेगा ।।
प्रलोभन से कुछ भी काम नहीं चलता,
दौड़ लगी है हर कोई तरक्की है चाहता,
ठोस काम सबका कुछ तो करना पड़ेगा…पड़ेगा ।।
अगर तुम खुदाई को बनाके रखोगे,
जगह हर दिल में अपनी जमाके रखोगे,
इतनी सी बात को भी बताना पड़ेगा…पड़ेगा ।।