कोई जब राह ना पाये, शरण तेरी आये,
कि तुझको मन से मनाये, करता है तू बेड़ा पार,
जो भी कोई दिल से पुकार ।।
तर्ज – मेरी दोस्ती मेरा प्यार ।
बजरंगी है नाम तेरा, मेहंदीपुर में वास तेरा,
भक्तों से अपने, करता है बाबा प्यार,
जब जब कोई सताये, शरण तेरी आये,
कि तुझको मन से मनाये ।। १ ।।
राम का तूं पुजारी है, शिव का तूं अवतारी है,
तुझको मनाये, ये सारा संसार,
पाप अधिक बढ़ जाये, मिटाने तू आये,
की तुझको मन से मनाये ।। २ ।।
तन पे सिंदूरी चोला है, बाबा मेरा बड़ा भोला है,
सुनता है भक्तों की, वो विनती हजार,
जब जब ठोकर खाये, हम दर पे तेरे आये,
कि तुझको दिल से मनाये ।। ३ ।।