खाटू सै आग्यो फोन सांवरो घर म्हारे आवेलो लिरिक्स

Khatu Se Aagyo Phone Sanwro Ghar Mhare Aavelo Lyrics

खाटू सै आग्यो फोन सांवरो घर म्हारे आवेलो,
ईं शुक्ल पक्ष की ग्यारस ने वो रंग बरसावेलो,
कालजो हरयो हो जावेलो ।। खाटू … ।।

तर्ज – अफसाना लिख रही हूँ ।

फागण बीत्यो बीत गया है, होली को त्योहार यो – २,
कद आसी म्हारो सेठ सांवरो, ‘सुण के करुण पुकार’ हां – २,
वो टाबरियां के सिरपे, आके हाथ फिरावेलो ।। ई … ।।

भोग बणास्युं खीर चूरमो ‘मेवा घालूं मायं’ – २ मैं,
घणे प्रेम सूं कान्हुड़े ने ‘देस्यूं आज जिमाय’ – २ मैं,
मन्ने जाण सुदामा मेरा तंदुल, रुच रुच खावेलो ।। ई … ।।

मेर घर में चरण पड़ेलां ‘मेरी खुल ज्यासी तकदीर’ – २,
सोच-सोच कर आंखड़ल्यां सूं ‘टप टप टपके नीर’ मेर – २,
यो सोलह कला अवतारी, निज कला दिखावेलो ।। ई … ।।

घणां दिनां थारी बाट उड़ीकी, ‘सांवलिया सरकार’ तेरी – २,
इबकी म्हारो सुपणों बाबा, ‘हो ज्यासी साकार’ इब – २,
थारो ‘हर्ष’ भगत मनड़े को, थांने हाल सुणावेलो ।। ई … ।।

लिरिक्स – विनोद अग्रवाल (हर्ष) जी