आ जावो दया कर श्याम मेरे, इस दास की कुटिया पर प्यारे,
हो जायेगा पावन मनमोहन, इस दास का आंगन हे प्यारे ।। टेर ।।
तर्ज – छू लेने दो कोमल चरणों को ।
करुणा के सागर कहलाते, करुणा इस दास पे कर जावो,
होगा उपकार तेरा मुझ पर, गर दर्शन आकर दे जावो,
हो जाये सफल जीवन मेरा, गुण गाऊँगा दातार तेरे ।। आ जावो ।।
जीवन धन तुम हो दीनों के, मैं दास हूँ तेरा ही तो हरि,
हो जाये नाम तेरा भगवन, बन जाये काम मेरा भी हरि,
ना बिगड़ेगा इसमें कुछ तेरा, दिन फिर जाये बेसक मेरे ।। आ जावो ।।
आँखें दिन रात तरसती है, तेरी एक झलक को हे दिलवर,
अब क्यों इतना सकुचाते हो, आजावो दयालु विश्वंभर,
‘सांवर’ है सदा से दास तेरा, गुण गाये ये दिन रात तेरे ।। आ जावो ।।
लिरिक्स – सांवर जी