जगत सेठ दातार श्याम के, दर जो जाता है,
बिना कहे ही मन की जाणे, ऐसा दाता है, बावरा – २ ।। टेर ।।
तर्ज – तकदीर जठीने ले जावे बठीने ।
हाथ जोड़ कर ध्यान लगाये, समदर्शी सारी सुणलेग,
कमी रहे ना किसी बात की, इच्छा पूरी कर देगा,
इसलिए लाखों नर-नारी-२, आता जाता है ।। बिना कहे … ।।
चिन्ता छोड़ कर्म में तत्पर, होकर काम किया कर तूं,
तेरी फिकर श्याम क़रता है, सुबह शाम चिन्तन कर तूं,
अपने आप संभालेगा, इतिहास बताता है ।। बिना कहे … ।।
धर्म विमुख ना होना प्यारे, सच्चाई रखना उर में,
कभी किसी का अहित न होये, सबको समझावो घर में,
सबल बीज बोने वाला ही-२ सब कुछ पाता है ।। बिना कहे … ।।
इसके दर पे आने वाले, प्रेम का पाठ पढ़ाते हैं,
इसीलिए सारी दुनियां में, जै जैकार लगाते हैं,
‘सांवर’ ये सच्चाई के पीछे-२, दौड़ा आता है ।। बिना कहे … ।।
लिरिक्स – सांवर जी