तुमको दरिया दिली की कसम लाडली,
आज करुणा का दारिया बहा दीजिए,
दूर करके जगत के सब रंगो को,
मुझको बरसाना मै बसा लीजिये ।।
मुझको मंगला मिले फूल बंगला मिले,
तेरे घेवर की कुंजो का जलवा मिले,
हर सुबह मेरी श्री राधा नाम पे हो,
और राधा नाम पे शाम ढले,
मेरी शाम ढले ।।
तुमको दरिया दिली की कसम लाडली…।।
मुझको होरी मिले दाधी किच मिले
आप अष्ट सखिन के बीच मिले,
मुझको प्रियतम से अपने मिला दीजिए,
उनसे दो बाते करवा दीजिए,
करवा दीजिए ।।
तुमको दरिया दिली की कसम लाडली…।।
तेरे चरणों की रज में ठीकाना मिले,
बृज रज तज के बाहर ना जाना पड़े,
निज अलियन बीच बसा लीजिए,
मुझको चरणों में अपने बिठा दीजिये,
बिठा दीजिये ।।
तुमको दरिया दिली की कसम लाडली…।।
मेरा मरना भी बरसाने धाम में हो,
तब जो डंका बजे राधा नाम में हो,
बृज रज का गुषाला उड़ा दीजिए,
घेवर वन की रज मै मिला लीजिए,
मिला लीजिए ।।
तुमको दरिया दिली की कसम लाडली…।।
लिरिक्स – शैंकी दुआ जी