श्याम चरणों में दिल को लगा ले, काम तेरा यहीं पर बनेगा,
लाख मुश्किल हो जीवन में चाहे, साँवरा उसको पल में हरेगा …. ।। टेर ।।
तर्ज – इतनी शक्ति हमें देना दाता ।
जो भी दिल की हकीकत सुनाता, उसकी होती है झटपट सुणायी,
श्याम उसका मुकद्दर बनाता, जिसके मन में बसा है कन्हाई,
दुःख मिटेंगे सभी ही तुम्हारे, उसके नजदीक जो तू बढ़ेगा ।। १ ।।
जिसने सौंपी है जीवन की बाजी, वो कभी भी कहीं भी ना हारा,
साँवरा खींचता उसकी गाड़ी, और बन जाता उसका सहारा,
अपने जीवन को प्यारे अगर तूं, साँवरे के हवाले करेगा ।। २ ।।
भाग सोए हुए जिसके होते, श्याम उनको सदा ही जगाता,
बंद किस्मत के ताले भी खोले, श्याम चौखट पे सर जो झुकाता,
होगी तेरी भी आशाएँ पूरी, साँवरे को अगर तूं कहेगा ।। ३ ।।
जिसने बाबा को अपना बनाया, उसको कोई भी गम ना सताये,
अपनी मंजिल को हरदम वो पाया, कितनी भी हो कठिन चाहे राहें,
‘कमला’ मन में तूं श्याम बसाले, हर कदम तेरे संग वो चलेगा ।। ४ ।।