पैलां गणेश मनाये रे, तेरी पीड़ा हरेगो,
करुणा का भाव दिखाये रे, तेरी पीड़ा हरेगो ।। टेर ।।
तर्ज – खाटू के बाबा श्याम जी ।
रिद्ध-सिद्ध के हैं देने वाले, नित उठ इणने मीत बणाले,
तो मन को हाल सुणाये रे, तेरी पीड़ा हरेगो ।। १ ।।
मस्तक पर मलयागिरी चन्दन, विघ्नहरण सेती कर वन्दन,
मोदक भोग लगाये रे, तेरी पीड़ा हरेगो ।। २ ।।
शुभ और लाभ दास को देते, भवसागर से नैया खेते,
द्वार पे नैण बिछाये रे, तेरी पीड़ा हरेगो ।। ३ ।।
मंगल करण, अमंगल हारी, हरी भरी राखे फुलवारी,
इण सूं हेत लगाये रे, तेरी पीड़ा हरेगो ।। ४ ।।
श्याम बहादुर भी गुण गावे, ‘शिव’ सुत न फरियाद सुणावे,
तो लाम्बी धोक लगाये रे, तेरी पीड़ा हरेगो ।। ५ ।।
लिरिक्स – शिव चरण जी भीमराजका