(दोहा – सत्य है ईश्वर, शिव है जीवन,
सुन्दर ये संसार है, तीनो लोक है तुझमे तेरी,
माया अपरम्पार है)
मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा,
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा,
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा ।।
पार्वती जब सीता बन कर,
जय श्री राम के सम्मुख आई,
राम ने उनको माता कहकर,
शिव शंकर की महिमा गायी,
शिव भक्ति में सब कुछ सूझा,
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा,
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा,
मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा ।।
तेरी जटा से निकली गंगा,
और गंगा ने भीष्म दिया है,
तेरे भक्तों की शक्ति ने,
सारे जगत को जीत लिया है,
तुझको सब देवोँ ने पूजा,
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा,
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा,
मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा ।।