मेरे सांवरिया, दीनों का साथी तूं दातार रे,
तेरी माया का पाया नहीं पार रे ।। टेर ।।
तर्ज – बनवारी रे जीने का ।
दीनों के संग नाम जोड़के, दीनबन्धु कहलाया,
प्रीत निभायी उनके संग तो, दीन दयाल बताया,
ओSSS तूं ही रखता साज संभाल रे।। मेरे सांवरिया – १ ।।
विप्र सुदामा, सजन कसाई, सूर, कबीर और मीरां,
नरसी, धन्ना, भक्त विदुर, और कितने हैं मतिधीरां।,
होSSS तुम भक्तों के आधार रे।। मेर सांवरिया – २ ।।
प्रेम पारखी, प्रीत का पक्का, सबसे प्रीत निभायी,
विप्र के तंदुल, साग बिदुर घर, करमां की खीचड़ खायी,
ओSSS तुम्हें भिलनी के बेरों से प्यार रे।। मेरे सांवरिया – ३ ।।
अपने भक्तों के हित तुमने, क्या-क्या काम किये हैं,
दास आपकी राह निहारे, आश पे तेरी जिये हैं,
ओSSS तेरे ‘सांवर’ का तूं ही आधार रे।। मेरे सांवरिया – ४ ।।
लिरिक्स – सांवर जी