मन को लुभाये ये तो सबको ही भाये,
देखो प्रेम बढ़ाये सबसे ये बाबा मोरछड़ी वाला – २,
जो भी आये सबको निभाये ये बाबा नीले घोड़ेवाला ।। मन …. ।।
तर्ज – हाय शरमाऊ किस-किस को बताऊँ ।
श्याम का रंग नीला, पहने पीताम्बर पीला,
इसका बागा सजीला, इसका रूप है नशीला,
जो भी देखे, होश गंवाये, ऐसा जादू इसने डाला ।। मन …. ।।
घोड़ा इसका है लीला, सरपट दौड़े फुर्तीला,
इसको नजर नहीं लागे, बांका कद है गठीला,
श्याम का सेवक, छम-छम नाचे, ये तो होके मतवाला ।। मन …. ।।
ये कलयुग अवतारी, तीन बाणों का धारी,
महिमा इनकी है न्यारी, पूजे ये दुनियां सारी,
धोक लगाये, आशीष पाये, सबका बने रखवाला ।। मन …. ।।
सिर मोर मुकुट पहने, कानों में कुंडल के गहने,
इसकी चितवन है प्यारी, ‘निर्मल’ कहता क्या कहने,
देव निराला है मतवाला, ये तो मोहन मुरलीवाला ।। मन …. ।।