कर दिया मुझपे जादू टोना, बंशी तेरी श्याम,
नींद नहीं आती है – २,
जब-जब चाहूं सोना लेकिन, सुनती वही आवाज़,
याद फिर आती है ।। टेर ।।
तर्ज – गाड़ीवाले मुझे बिठाले ।
दिन नहीं चैन रैन नहीं निंदरियाँ, जीव हिलोरा खाता है,
काम करूं तो मन नहीं लगता, ये उड़-उड़ कर जाता है,
कैसे आये चैन बताओ, आकर के घनश्याम,
ये जीव जलता है ।। १ ।।
टेर सुनी यमुना तट पे, जल भरने जब आयी थी,
भूल गयी जल भरना मैं, खाली गगरी लायी थी,
सांस नपड़ के बौखल बावरिया, करती उल्टा काम,
वो आँख दिखाती है ।। २ ।।
मनवा मेरा व्याकुल हो, उचक-उचक देखे राहें,
कल्ल न पड़े मोहे बर्दर्दी, होता है ऐसा काहे,
तेरी बिमारी तू ही दीजै, तू ही करे आराम,
लाज मोहे आती है।। ३ ।।
प्रेम विवश प्रेमी होता, ध्वनी रात दिन सुनती है,
श्याम छवि इन नयनों में, आकर के जब बसती है,
‘सांवर’ मन स्थिर कर बैठो, जपो श्याम का नाम,
पीड़ मिट जाती है ।। ४ ।।
लिरिक्स – सांवर जी