कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई लिरिक्स

Kalai Pakad Le Pakadta Na Koi Lyrics

कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,
तेरे दर्र पे आके, मेरी आँख रोई, मेरी आँख रोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई ।।

तर्ज – मोहब्बत की झूठी ।

जिनको भी दिल के दुखड़े सुनाए,
वही मेरे अपने हुए सब पराए,
तेरी आश् की मैने माला पिरोइ, पिरोइ,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई ।।

बड़ी है मुसीबत बताया ना जाए,
अब बोझ दुख का उठाया ना जाए,
गमे आँसु से तेरी चौखट भिगोई, भिगोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई ।।

अगर है दयालु दया अब दिखादे,
तेरे ‘हर्ष’ की रोती आँखे हसा दे,
सिवा तेरे दुनिया में दूजा ना कोई, ना कोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई ।।

लिरिक्स – निर्मल झुनझुनवाला जी, हर्ष जी