कल रात खाटू श्याम का सन्देश आया स।
फागन क मेला म सब भक्तां न बुलाया स।
कल रात खाटू,,,,,,,,,,,,,,,,,
जय बाबा की,जय बाबा की,जय बाबाकी बोलिए (2)
तर्ज – कल रात माता का (गुड्डू रंगीला)
हाथां म निशान लेकर पैदल पैदल जाना स।
खाटू जाकर श्याम प्रभु क मन्दिर म चढ़ाना स।
फिर,श्याम प्रभु क जयकार म, जॊर लगाना स।
कल रात खाटू,,,,,,,,,,,,,,,,,
खीर,चुरमो,माखन-मिश्री भोग भी लगाना स।
खाता-पीता,सोता-उठता,श्याम नाम गुण गाना स।
सेवा भाव स सब भक्तां न ,श्याम रिझाना स।
कल रात खाटू,,,,,,,,,,,,,,
अंटी म जो मणियाँ हो तो सवामणि चढ़ानी स।
टाबरा की माँ क संग म ,धोक भी लगानी स।
बिष्णु थिरानी खाटू म अब, खाट लगानी स।
कल रात खाटू,,,,,,,,,,,,,,
लिरिक्स – बिष्नु थिरानी जी (पटना)