जो भी कुछ पास है मेरे, वो तुमसे पाया है,
मेरे बाबा तूंने काबिल, मुझे बनाया है ।। टेर ।।
तर्ज – जो भी दरबार में आया वो अब तुम्हारा है ।
मिला जो साथ मुझे तेरा, ये गनीमत है,
कल थे जो ख्वाब मेरे, आज वो हकीकत है,
मेरा जीवन नए रंगों से, सजाया है ।। जो भी …. ।।
बुरे हालात बदलते, सबको देखा है,
थाम के हाथ साथ चलते, तुमको देखा है,
सही चेहरा तूंने सबका, मुझे दिखाया है ।। जो भी …. ।।
कभी माया कभी काया, मुझे लुभायेगी,
मेरे विश्वास में कमी ना, कोई आएगी,
बुरे कर्मों से हमेशा, मुझे बचाया है ।। जो भी …. ।।
जो भी देगा मुझे मेरा, श्याम ही देगा,
मेरा जीवन का फैसला, श्याम ही लेगा,
तूंने हरबार सचिन को, गले लगाया है ।। जो भी …. ।।