हम हाथ उठा कर कहते है,
हम हो गये डमरू वाले के,
हम ताली भजा कर कहते है,
हम हो गये डमरू वाले के ।।
कोई तुझसे न अंतर यामी,
तू ही सारे जग का है स्वामी,
जयकारा लगा के कहता है,
हम हो गये डमरू वाले के ।।
मेरे जीने का तू सहारा है,
मुझे प्राणो से भी प्यारा,
बहते हुए आंसू कहते है,
हम हो गये डमरू वाले के ।।
तेरी कावड़ ले कर आता रहु,
तेरी महिमा हर पल गाता रहु,
कावड़ के गुंगरू कहते है,
हम हो गये डमरू वाले के ।।
जब तक मेरी ये सांस चले,
तेरा ‘श्याम’ रहे तेरी छइयां तले,
हम शीश झुका कर कहते है,
हम हो गये डमरू वाले के ।।
लिरिक्स – श्याम अग्रवाल जी