हारे का सहारा बन जाओ,
श्याम के प्यारे बन जाओ,
वो दीन दुखी का प्यारा है,
उसका ये तो लाड़ निराला है,
हारे का सहारा बन जाओं,
श्याम के प्यारे बन जाओ।।
(तर्ज – धीरे धीरे बोल, कोई सुन ना ले)
तुझको पता ना चलेगा मेरे यार,
सर पे हाथ फिराएगा दातार,
फिकर ना कर तुझे देगा ऐसा प्यार,
ये भर देगा दुखियों के भंडार,
इकरार कर, ऐतबार कर,
मेरे श्याम से सच्चा प्यार कर,
तू उसकी महिमा गायेगा,
हारे का सहारा बन जाओं,
श्याम के प्यारे बन जाओ।।
दीन दुखी से करले थोड़ा प्यार,
तेरा जीवन देगा श्याम संवार,
छोड़ दे भैया मतलब का व्यवहार,
ये जग तो है चोटों का संसार,
जरा सोच ले, कुछ खोज ले,
तू पैदल चलकर जाएगा,
वो सपनो में तेरे आएगा,
हारे का सहारा बन जाओं,
श्याम के प्यारे बन जाओ।।
लिरिक्स – श्री पवन भाटिया जी