छम-छम नाचे हनुमान राम की धुन में,
राम की धुन में, सियाराम की धुन में,
हांथा ले खड़ताल, राम की धुन में …. छम-छम ।। टेर ।।
तर्ज – सज रहे भोलेनाथ ।
राम को ही नाम अंके मन भावे, सोवतां और जागतां यो राम नाम गावे,
लग्यो रहवे है ध्यान, राम की धुन में …. छम-छम ।। १ ।।
सबसे प्रिय इन्ने लागे राम नाम है, राम जी की सेवा ही प्रधान है,
व्यर्थ है बाकी काम, जो है दुनियां में …. छम-छम ।। २ ।।
राम काज करिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया,
राम है तन-मन-प्राण, बस्या रग-रग में …. छम-छम ।। ३ ।।
अतुलित बल को धाम यो ही है, राम मिलन की राह यो ही है,
कर अेंको गुणगान लाग सुमिरन में …. छम-छम ।। ४ ।।
जै अंके सागे नाचेगो, राम न प्रिय लागण लागेगो,
यो हे देव महान, बस्यो कण-कण में …. छम-छम ।। ५ ।।