अब के नवरात्रि मेरे अंगना पधारो जगदम्बे भवानी लिरिक्स

Ab Ke Navratri Mere Angana Padharo Lyrics

अब के नवरात्रि मेरे अंगना पधारो जगदम्बे भवानी,
अंगना पधारो मेरे संकट निवारो,
संकट निवारो मेरी बिगड़ी संवारो,
जगदम्बे भवानी,
अब के नवरात्रि मेरें अंगना पधारो जगदम्बे भवानी ॥

पहली नवरात्रि मेरे पाप नाश करना,
दूसरी नवरात्रि कष्ट संताप हरना,
तीसरी नवरात्रि भरम मन के मिटाना,
चौथी नवरात्रि मेरी किस्मत चमकाना,
पांचवी नवरात्रि दोष अवगुण बिसारो,
जगदम्बे भवानी,
अब के नवरात्रि मेरें अंगना पधारो जगदम्बे भवानी ॥

छठी नवरात्रि छुटकारा हो मोह जाल से,
सातवीं नवरात्रि गाऊं महिमा सुरताल से,
अष्टमी को आना रूप अष्टभुजी धारकर,
नवमी को निष्काम भक्ति का देना वर,
तुम हो तारणहार मैया मेरी भी तारो,
जगदम्बे भवानी,
अब के नवरात्रि मेरें अंगना पधारो जगदम्बे भवानी ॥

करती हो मैया सबकी पूरी मनोकामना,
‘लख्खा’ के दिल में तेरे दर्शन की भावना,
टूटे ना मेरे विश्वास की ये डोरी,
तरस रहे कान मेरे सुनने को लोरी,
अपने ‘सरल’ को बेटा कहके पुकारो,
जगदम्बे भवानी,
अब के नवरात्रि मेरें अंगना पधारो जगदम्बे भवानी ॥

लिरिक्स – सरल कवी जी