आ जाओ श्याम प्यारे, तेरा दरबार है सजाया,
मन से तुम्हें बुलाया….
मन से तुम्हें बुलाया, हमने तुम्हें बुलाया….
(तर्ज: तुम्हे भूलना तो चाहा लेकिन)
हमने सुना है मोहन, तुम भाव के हो भूखे,
सच्ची पुकार सुनके, तेरे कदम ना रुकते,
अब बोलो क्या कमी है….
अब बोलो क्या कमी है क्यों देर हो लगाए,
आ जाओ श्याम प्यारे, तेरा दरबार है सजाया….
क्यों दूर से है देखे, क्यों पास है ना आता,
दीवाना दिल ये मेरा, रो रो तुझे बुलाता,
कैसे तुझे बुलाऊं, कैसे तुझे मनाऊं,
मैं कैसे तुझे रिझाऊं, बस इतना ही बतादे,
आ जाओ श्याम प्यारे, दरबार है सजाया….
आना तो तुमको होगा, ये राधारानी बोले,
भोले भगत के मन में, नटखट क्या तू तोले,
हर पत्ता डाली डाली, बड़े प्रेम से सजाए,
आ जाओ श्याम प्यारे, दरबार है सजाया….
दीपों की श्रृंखला है, स्नेह दीप जगमगाऐं,
श्रीधाम अयोध्या नगरी, भगवान लौट आए,
अब तुम भी आ भी जाओ, आओ दरस दिखाओ,
आओ दरस दिखाओ, मुरली की धुन बजाके,
आ जाओ श्याम प्यारे दरबार है सजाया…..
लिरिक्स – पवन भाटिया जी