हे श्यामधणी थारो ऐसो गजब सिंणगार,
म्हें थांने देखणो भुलग्या जी म्हारा श्याम ।। टेर ।।
तर्ज – खाटूवाले मदन गोपाल ।
सिंहासन पर सजधज बैठ्या आप,
थारी लेणी बलैया, भूलग्या जी म्हारा श्याम ।। १ ।।
सोणा – सोणा बनड़ा लागो श्याम,
म्हें पंछो बांधणो, भूलग्या जी म्हारा श्याम ।। २ ।।
रूप क आगे चाँद रह्यो शर्माय,
थारी निजर तारणी, भूलग्या जी म्हारा श्याम ।। ३ ।।
‘बनवारी’ झांकी में अटक्या नैण,
थांसे दिल को लगाणों, भूलग्या जी म्हारा श्याम ।। ४ ।।
लिरिक्स – जयशंकर चौधरी जी