गुरु मात पिता गुरु स्वामी सखा, गुरु जीवन का आधार तेरा,
मन दीपक की गुरु ज्योत तेरी, गुरु सरबस है संसार तेरा ।। टेर ।।
तर्ज – मिलता है सच्चा सुख केवल ।
गर चाह है मिलने की तुमको, तो भरे दिल से तूं पुकार उसे,
आयेगा वो चूक नहीं सकता, होगा सपना साकार तेरा ।। १ ।।
मन की आँखों से ढूंढ उसे, वो कभी ना कभी मिल जायेगा,
खिल जायेगा मन का पुष्प तेरा, पूरा होगा इकरार तेरा ।। २ ।।
गुरु नाम का गंगाजल लेकर, मन की बगिया को सींच सदा,
हट जायेगा परदा आँखों का, गुलशन होगा गुलजार तेरा ।। ३ ।।
गुरु सा ना कोई ‘शिव’ शानी है, ये जीवन ओस का पानी है,
बेदर्द जमाना फानी है, गुरु अन्तर का श्रृंगार तेरा ।। ४ ।।