कैसे नजर मिलाऊँ, लायक नहीं मैं तेरे,
हे श्याम माफ करदो, जो है गुनाह मेरे ।। टेर ।।
तर्ज – नजरें मिलाके मुझसे ऐ श्याम मुस्कुरा दो ।
आया तेरी अदालत, जन्मों का मैं हूँ मुजरिम,
तेरे हाथ में कलम है, सारे जगत के हाकीम,
इतना मुझे पता है, तेरा फैसला है अन्तिम,
ऐसी कलम चलादो, धुल जाये पाप मेरे।। कैसे ।।
मेरी दया की अर्जी, स्वीकार करलो स्वामी,
कोमल हृदय है तेरा, तुम तो बड़े हो नामी,
करके दया दयालु, जिसकी भी बाँह थामी,
देखा नया सबेरा, उसके मिटे अंधेरे ।। कैसे ।।
कितनों को तूंने तारा, मुझको भी पार करदे,
मेरे सिर पे हाथ तेरा, प्रभु प्यार से तूं धरदे,
‘बिन्नू’ के दिल में अब तो, भक्ति का भाव भरदे,
मिट जायें नाथ मेरे, आवागमन के फेरे ।। कैसे ।।
लिरिक्स – बिन्नू जी