चम चम चन्दा चमके है, जैसे सूरज दमके है,
थारो खूब सज्यो सिंगार बाबा श्याम धनी।।
तर्ज – मेहंदी रची थार हांथा म ।
(१) कितनी प्यारी,कितनी न्यारी, कितनी महिमा भारी है ।
श्याम प्रभु के दर्शन करने दुनिया खाटू जाती है।
प्यारी प्यारी प्यारी है,शोभा न्यारी न्यारी है।
थारो खूब सज्यो सिंगार बाबा श्याम धनी।।
(२) यो सावलीयो सेठ सावरो,खाटू धाम विराज रयो।
चारो दिशा म घर घर देखो श्याम को डनको बाज रियो।
बिगड़ा काम बनाए रियो, बेड़ा पार लगाए रियो।
थारो खूब सज्यो सिंगार बाबा श्याम धनी।।
(३) मैं भी प्यासा,वो भी प्यासा,दर्शन का सब प्यासा है ।
प्यास बुझादो सबकी बाबा ,शरण में जो भी आया है।
बिष्णु शरण में आया है,भक्तो ने मिल गाया है ।
थारो खूब सज्यो सिंगार बाबा श्याम धनी।।
लिरिक्स – बिष्नु थिरानी जी (पटना)