आसरो माताजी म्हने थारो,
थे कष्ट निवारो,
पधारो म्हारे आंगनिये पधारो,
थारी तो बुलावा जय जयकार,
थारी तो बुलावा जय जयकार।।
ऊंचो भवानी सज्यो है दरबार,
महिमा रो मैया पायो कोनी पार,
थाने जो मनावे करो थे बेडा पार,
काटजो घणो ही दुःख म्हारो,
थे कष्ट निवारो,
पधारो म्हारे आंगनिये पधारो,
थारी तो बुलावा जय जयकार,
थारी तो बुलावा जय जयकार।।
सांचो भवानी थारो दरबार,
शरणा में आवे नर नार,
आज तो उडीका जोवा हा थारी बाट,
विपदा थे म्हारी तो मिटावो,
थे कष्ट निवारो,
पधारो म्हारे आंगनिये पधारो,
थारी तो बुलावा जय जयकार,
थारी तो बुलावा जय जयकार।।
बिगड्या बिसारो थे सगला रा काज,
शरण आया री माता पूरो थेतो आस,
थारा गुण गावा पुरावो म्हारी आस,
दुखडो मेटो अबके म्हारो,
थे कष्ट निवारो,
पधारो म्हारे आंगनिये पधारो,
थारी तो बुलावा जय जयकार,
थारी तो बुलावा जय जयकार।।