हमने सुना है द्वार पे तेरे, बिगड़ा नसीब सँवरता है,
जग जाता है सोया नसीबां, तूं वो जादू करता है ।।
तर्ज – कसमे वादे प्यार वफ़ा सब।
सारी दुनियां बोलती है तूं, राजावों का राजा है,
दीन-दुःखी निर्बल की ख़ातिर, तेरा खुला दरवाजा है,
निर्बल को तूं बल देता है, दुःखियों के दुःख हरता है ।। हमने…।।
टूट चुका हूँ मैं भी बाबा, हिम्मत भी अब हार गयी,
खुद को हौसला देने की भी, हर कोशीश बेकार गयी,
क्या बोलूँ मैं अपनी जुबाँ से, तूं तो आँखे पढ़ता है।। हमने…।।
सारे सहारे छूट गये बस, तेरी आस ही बाकी है,
सांसों से भी ज्यादा जरूरत, मुझको तेरी कृपा की है,
डाल से टूटा फूल भी “माधव”, तेरी दया से निखरता है।। हमने…।।
लिरिक्स – अभिषेक शर्मा (माधव) जी