तेरा भरोसा तेरा सहारा काहें फिकर करूँ,
तूं रखे जिस हाल में बाबा तेरा शुकर करूँ,
तर्ज – स्वरचित ।
जो कुछ मेरे पास साँवरा तुझसे पाया है,
तेरे प्रेमियों से मैंने प्रभु प्रेम कमाया है,
तेरे प्रेमियों की साँवरिया दिल से कदर करूँ, तूं रखे जिस हाल…
नहीं शिकायत कोई तुमसे ना ही मन में पीड़,
हर संकट में तूं ही बँधाता मेरे मन को धीर,
जितना तूंने दिया खुशी से उसमें सबर करूँ, तूं रखे जिस हाल…
हमको भी ये श्याम साँवरे थोड़ा प्रेम सिखा,
हम तेरे प्रेमी कहलाये ऐसी राह दिखा,
नेकी की राहों पे बाबा मैं भी सफर करूँ, तूं रखे जिस हाल…
ही है पहचान हमारी तूं ही मालिक है,
‘रोमी’ के परिवार का बाबा तूं ही पालक है,
जब तक जीवन रहे ये मेरा तेरा जिकर करूँ, तं रखे जिस हाल….
लिरिक्स – रोमी जी