लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी,
मैं शरण तेरी मैं शरण तेरी,
लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी…
(तर्ज – लो आ गयी उनकी याद)
जाने कहा कहा पर, भटका तेरा दीवाना,
दर ये तुम्हारा बाबा, मेरा आखिरी ठिकाना,
जिसपे किया भरोसा, उसने ही आँख फेरी,
लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी…
मुझे थाम ले दुखो से, आया हु हार करके,
थक सा गया हु बाबा, जग को पुकार करके,
इक आस दिल में मेरे, बाकी है श्याम तेरी,
लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी…
चरणों की धूल दे दे, मुझको भी हे दयालु,
भटका हु जिसकी खातिर, सच्ची ख़ुशी वो पालू,
ऐ ‘हर्ष’ तू बतादे, किस बात की है देरी,
लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी…
लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी,
लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी…
लिरिक्स – निर्मल झुनझुनवाला जी, हर्ष जी