कब आओगी घर मेरे, बताओ ना अंबे माँ लिरिक्स

Kya Yaad Meri Aati Nahi Lyrics

कब आओगी घर मेरे, बताओ ना अंबे माँ,
सताओ ना अंबे माँ, क्या याद मेरी आती नहीं,
क्या याद मेरी आती नहीं॥

है झूट जग ये कहता जिसे रिश्ते और नाते,
जब दिन बुरे आये तो छोड़ अपने भी जाते,
एक तू ही है माँ राहो से चुन लेती है काटे,
आँचल तले मैया तेरे सुख चेन है पाते,
तुम मीठी लोरी गाके सुलाओ ना अंबे माँ,
क्या याद मेरी आती नहीं॥

है बदनसीब वो जिसे तेरा प्यार ना मिले,
सावन में भी मन गुलशन को बहार ना मिले,
धन लाख कमा ले सुख और करार ना मिले,
हो कोई मुसीबत तो मददगार ना मिले,
ऐसी परिस्तिथि से बचाओ ना अंबे माँ,
क्या याद मेरी आती नहीं॥

तुम माँ बेहेन बेटी हो और तुम ही सहेली
हर हाल में संग रहना कभी छोड़ ना अकेली,
में तेरी हु भक्तन मैया एक दुखिया अभागन,
बिन चाँद के सुना मेरा जीवन का है आँगन,
बन चांदनी मन में मेरे छा जाओ ना अंबे माँ,
क्या याद मेरी आती नहीं॥

जाना पड़े हमे छोड़ जहा बीता था बचपन,
एक रीत यहाँ बन गयी बेटी पराया धन,
पर तुम निभाना अपनी बिटिया से सदा प्रीत,
चरणों में तेरे हस्के यु मर जाए मेरी प्रीत,
इस रिश्ते को अटूट बना जाओ अंबे माँ,
क्या याद मेरी आती नहीं॥

लिरिक्स – सुभाष बोस जी