हिमाचल की गलियों में उत्सव छाया है,
मेरा भोला दानी देखो नन्दी चढ़ आया है,
नन्दी चढ़के आया बाबा नन्दी चढ़के आया है,
वो देखो-वो देखो-वो देखो, भोला बाबा दुल्हा बनके आया है ।। टेर ।।
तर्ज – वो देखो वो देखो ।
अंग भभूत सोहे नन्दी की सवारी, हाथ में त्रिशूल सोहे तेरे जटाधारी,
भांग धतूरे का तूं भोग लगाया है ।। १ ।।
गले में भुजंग बाबा चिमटा बजाये, होले होले नन्दी तेरा ठुमका लगाये,
गोरां जी को ब्याहने देखो जगपति आया है ।। २ ।।
देव नाचे-भूत नाचे-नाचे जग सारा, भोले की बारात का है अजब नजारा,
धरती अम्बर नाचे कैसा आनन्द छाया है ।। ३ ।।
बनके बाराती आये भक्त ये तुम्हारे, भोले तेरी कृपा से होंगे वारे न्यारे,
‘हर्ष’ नसीबों से ये शुभ दिन आया है ।। ४ ।।
लिरिक्स – विनोद अग्रवाल (हर्ष) जी