भज ले श्याम फिर ये जनम, दुबारा मिले ना मिले,
मझधार में मांझी तो मिलेगा, किनारा मिले ना मिले ॥
तर्ज – तेरे नाम हमने किया है ।
ये जीवन है कर्ज प्रभु का व्यर्थ कहीं ना जाए,
दुनिया की रौनक में मन का मीत बिछुड़ ना जाए,
ढूंढे से तुमको कहीं श्याम प्यारा मिले ना मिले ॥
मन मंदिर में श्याम बसाकर बस एकबार निहारो,
मिल जाए जब नैन प्रभु से प्रेम से नाम पुकारो,
नैनो को नैनो से इशारा मिले ना मिले ॥
भजले श्याम फिर ये जनम दुबारा मिले न मिले
सोच समझ जीवन में ‘संजू’ क्या खोया क्या पाया,
माटी की एक काया पाकर तू दिन दिन इतराया,
जाने के बाद नामोनिशान तुम्हारा मिले ना मिले ॥
भज ले श्याम फिर ये जनम, दुबारा मिले ना मिले,
मझधार में मांझी तो मिलेगा, किनारा मिले ना मिले ॥
लिरिक्स – संजू शर्मा जी