इस दुनियां में जो भी हारे, रो रो यही पुकारे,
आज्या आज्या आज्या, हारे के सहारे ।। टेर ।।
तर्ज – हाथों में निशान हो सामने मेरा श्याम हो ।
सारे जग से हारा दिखता ना सहारा,
हारे का सहारा केवल नाम तुम्हारा – २,
तेरे सिवा अब मुरलीवाले, बिगड़ी कौन संवारे।। आज्या ।।
मेरी तुमसे कान्हा जान ना पहचान है,
हमने तो दुनियां से सुना तेरा नाम है – २,
आँख मींच कर किया भरोसा, आ गये तेरे द्वारे।। आज्या ।।
दुःख के बादल छाये हैं और आफत ने घेरा है,
हाथ पकड़ले सांवरिये, चारों ओर अंधेरा है,
टूट गयी पतवार हमारी, कैसे लगे किनारे ।। आज्या ।।
‘बनवारी’ सारे जग में, सुनापन सा लगता है,
श्याम कन्हैया साथ तेरे अपनापन सा लगता है,
यही तमन्ना सारी जिन्दगी, तेरे साथ गुजारे ।। आज्या ।।
लिरिक्स – जयशंकर चौधरी जी