श्याम को रिझाने को, जी चाहता है लिरिक्स

Shyam Ko Rijhane Ko Jee Chahta Hai Lyrics

श्याम को रिझाने को, जी चाहता है,
नहीं जानता, नादां क्या चाहता है ।। टेर ।।

तर्ज – नजरे मिलाने को जी चाहता है ।

रिझाने में जिसको लगी सारी दुनियाँ,
रिझाने में जिसके मनाने में जिसको लगी सारी दुनियाँ,
उसको लुभाना, ये जी चाहता है ।। नहीं जानता…।।

झलक एक पाने को करोड़ो दिवाने,
झलक एक पाने नजर को मिलाते करोड़ो दिवाने,
दिल में बसाता, ये जी चाहता है ।। नहीं जानता…।।

इशारों पे अपने नचाए जो सबको,
इशारों पे अपने उंगलियों पे अपने नचाए जो सबको,
साथ में नचाना ये जी चाहता है ।। नहीं जानता…।।