भक्तों की कुण्डली में ये जोग बड़ा प्यारा है,
हम सांवरे के हैं और सांवरा हमारा है ।। टेर ।।
तर्ज – राधे राधे बरसानेवाली राधे ।
भक्तों को लगता है, ज्यान से भी प्यारा,
इसके लिये लेगें जनम हम दुबारा,
जन्मों से हम सब का देखो ये ही तो सहारा है ।। १ ।।
जब भी बुलाते हैं, दौड़ा चला आता है,
इसी से समझलो की, वो भी हमें चाहता है,
इक पल ना रूकता वो, इसे जब भी पुकारा है ।। २ ।।
भगति का ऐसा परिणाम मिल गया है,
सब कुछ मिला जब से, श्याम मिल गया है,
सांवरे की भक्ति ने, मेरा जीवन सुधारा है ।। ३ ।।
‘बनवारी’ धीरे-धीरे सामने वो आयेगा,
हाथ अपने भक्तों का थामने वो आयेगा,
इसी बिश्वास पे ये जीवन गुजारा है ।। ४ ।।
लिरिक्स – जयशंकर चौधरी जी