दुनियां में मगन ना हो मेरे सजन, टुक श्याम नाम भी लेले तूं,
इससे ही होगा सफल जीवन, टुक श्याम नाम भी लेले तूं ।। टेर ।।
तर्ज – औरों पे करम अपनों पे सितम ।
जैसे आया है तूं चला जायेगा, बड़ी छोटी सी है जिन्दगानी,
कोई ना संग चले तेरे, फिर तूं क्यूं करता मनमानी,
आगे का भी कुछ कर ले जतन, टुक श्याम नाम …..
जो बीत गया उसे याद न कर, आगे की पगले सोच जरा,
इस माया का खेला है गजब, क्यूं व्यर्थ इसी में फंसता चला,
अब भी है वक्त करले सुमिरन, टुक श्याम नाम …..
करमों की नगरी में प्यारे, गर काम किसी के आयेगा,
राजी होगा ठाकुर तेरा, तूं स्वामी के मन भायेगा,
शक्ति देगा तुझको भगवन, टुक श्याम नाम …..
जब कोई आगे बढ़ता है, हम उसे हजम ना कर पाते,
हमको भी आगे बढ़ना है, खुद में ये ख्याल अगर लाते,
महकेगा सारा ये जीवन, टुक श्याम नाम …..