मैंने झोली फैला दी कन्हैया, अब खजाना तूं प्यार का लूटा दे लिरिक्स

Maine Jholi Faila Di Kanhaiya Lyrics

मैंने झोली फैला दी कन्हैया,
अब खजाना तूं प्यार का लूटा दे ।। टेर ।।

तर्ज – कब्बाली ।

आया बनके मैं प्रेम पुजारी, आया बनके मैं दर का भिखारी,
इतना दे दे मुझे तूं दयालु, माँगने से तूं पीछा छुड़ा दे ।। १ ।।

मुझको इतनी शरम आ रही है, ना जुबां से कहीं जा रही है,
हो सके तो दया कर दयालु, अपनी सेवा में मुझको लगाले ।। २ ।।

ऐसे कब तक चलेगा गुजारा, थाम लो आके दामन हमारा,
सबकी बिगड़ी बनाते हो मोहन, आज मेरी भी बिगड़ी बना दे ।। ३ ।।

आज ‘बनवारी’ दिल रो रहा है, जो कभी ना हुआ वो हो रहा है,
इक तमन्ना है मरने से पहले, अपना दर्शन मुझे भी करा दे ।। ४ ।।

लिरिक्स – जयशंकर चौधरी जी