यूं दिल से दिल मिलाकर के, दूर जाना नहीं अच्छा,
यूं अपने प्रेमी को बाबा, सताना है नहीं अच्छा ।। टेर ।।
तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया ।
के किस हौदे पे तुम बोलो, मेरे ऐ श्याम नवाजू मैं,
प्रेम जो नापना मेरा, तो ला दूंगा तराजू मैं,
देख लेना ये दिल मेरा, है झूठा या ये है सच्चा ।। १ ।।
तेरी उम्मीद में बाबा, हम पलकों को भिंगोते हैं,
अपने मन को ये समझाते, श्याम आते हैं आते हैं,
अंधेरों में आस की लौ, बुझाना है नहीं अच्छा ।। २ ।।
ये दस्तूरे मोहब्बत है, मिले दिलदार दिलवर को,
नहीं मिलना अगर बाबा, इशारा तो मगर कर दो,
तेरे दिलदार ‘निर्मल’ को, यूं बहलाना नहीं अच्छा ।। ३ ।।