ये बाल घुंघराले, ये नैणां काले-काले,
नजर सांवरे लग न जाये कहीं,
माथे पे एक काला टिका तो लगाले,
नजर सांवरे लग न जाये कहीं ।। टेर ।।
तर्ज – ये रेशमी जुल्फें ।
बात दिल में जो है खुलके मैं बोल दूं,
चाहे मन तुझको फूलों से मैं तोल दूं,
काबू में ज़ज्बात रखूं, मन में मन की बात रखूं ।। नजर …. ।।
तुझको टुक-टुक निहारे दीवाने तेरे,
कुछ नये कुछ है आशिक पुराने तेरे,
मस्त पवन सी चाल तेरी, हंसी है बड़ी कमाल तेरी ।। नजर …. ।।
अपनी पलकों में प्यारे छुपालूं तुझे,
जो न छूटे वो काजल बनालूं तुझे,
जाऊं मैं कुर्बान तेरे, तुझपे अटके हैं प्राण मेरे ।। नजर …. ।।