मनड़े ने लुभावे, भोली सूरत या म्हारे श्याम की लिरिक्स

Mande Ne Lubhave Bholi Surat Ya Mhare Shyam Ki Lyrics

मनड़े ने लुभावे, भोली सूरत या म्हारे श्याम की,
हूक उठे हिवड़े के मांही, बाबा थारे नाम की ।। टेर ।।

तर्ज – गर जोर मेरो चाले ।

लाल गुलाबी, होठ रसीला, ज्यांपे मुरली प्यारी,
जादूगारी, चितवन थारी, थांपे म्हें बलिहारी,
चन्द्रकिरण भी थारे स्यामी, कोड़ी की ना दाम की ।। १ ।।

मोटी-मोटी, आँखडल्याँ ने, अइयाँ की मटकावे,
जो भी देखे, वो ही कान्हा, सुध सारी बिसरावे,
झाला देर बुलावे मानो, आँखड़ल्याँ घनश्याम की ।। २ ।।

गालां ऊपर, थारे लटके, या घुंघराली लटकन,
पचरंगी बागो सोवे जी, सोवे प्यारी अचकन,
मोरछड़ी सूँ बरसावो थे, बिरखाँ ज्यूं आराम की ।। ३ ।।

जी में आवे, थारी सूरत, नैणा बीच बसाऊँ,
होले होले, पलक्याँ मांही, झूलो श्याम झुलाऊँ,
‘हर्ष’ भगत ने दीज्यो दाता, सेवा आठुँ याम की ।। ४ ।।

लिरिक्स – विनोद अग्रवाल (हर्ष) जी